भीम-हिडिंबी विवाह
पांडव जलते हुए लाक्षागृह से बचकर, सुरंग के रास्ते, अधंकार में चलते रहे और गंगा नदी के तट पर जा पहुँचे| वहां विदुर द्वारा भेजा हुआ नाविक उनकी प्रतीक्षा कर रहा था| नदी पार करने के बाद उन सबको दूर तक पैदल चलना पड़ा| कुंती जब थक जातीं तब विशालकाय भीम उन्हें कन्धों पर उठा लेते| भीम इतने शक्तिशाली थे कि कई बार वे चारों भाइयों और कुंती को एक साथ उठा लेते थे|