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1 [व] परभातायां तु शर्वर्यां तेषाम अक्लिष्टकर्मणाम
वनं यियासतां विप्रास तस्थुर भिक्षा भुजॊ ऽगरतः
तान उवाच ततॊ राजा कुन्तीपुत्रॊ युधिष्ठिरः

एक समय की बात है| अचानक ओलों की वर्षा से सारी फसल नष्ट हो गई| कुरू प्रदेश में एक गाँव में हाथीवान रहते थे| इसी गाँव में एक निर्धन ऋषि उशस्ति चाकृायण अपनी पत्नी के साथ रहने लगे| गाँव में कहीं अनाज का दाना नहीं मिला|