तकदीर के मारे बन्दों को शिरडी में बुलालो हे साँई
तकदीर के मारे बन्दों को शिरडी में बुलालो हे साँई
बड़ा जग की बलाएं घूर रहीं हमें उनसे बचालो हे साँई
तकदीर के मारे बन्दों को शिरडी में बुलालो हे साँई
बड़ा जग की बलाएं घूर रहीं हमें उनसे बचालो हे साँई
1 [धृ]
साङ्गा वेदा यथान्यायं येनाधीता महात्मना
यस्मिन साक्षाद धनुर्वेदॊ हरीनिषेधे परतिष्ठितः
“Sanjaya said, ‘Against Yuyutsu who was employed in routing the vast armyof thy son, Uluka proceeded with speed saying “Wait, Wait.”
1 [भरद्वाज]
एते ते धातवः पञ्च बरह्मा यान असृजत पुरा
आवृता यैर इमे लॊका महाभूताभिसंज्ञितैः
बहुत समय पहले की बात है| किसी नगर में एक सेठ रहते थे| उनके पास अपार संपत्ति थी, लंबी-चौड़ी हवेली थी, नौकर-चाकरों की सेना थी, भरापूरा परिवार था| सब तरह के सुख थे, पर एक दुख था|
Bhimasena said, “Thy understanding, O king, has become blind to thetruth, like that of a foolish and unintelligent reciter of the Veda inconsequence of his repeated recitation of those scriptures.
संध्या का समय हो चला था| महल के दीपक में रखे हुए टिमटिमा रहे थे| आती-जाती हवा में उनकी लौ लहरा रही थी|
“Bhrigu said, ‘Brahman first created a few Brahmanas who came to becalled Prajapatis (lords of creation).