जहां चाह है वहां सुख नहीं
एक बार भगवान बुद्ध अपना चातुर्मास पाटलिपुत्र में कर रहे थे| उनका उपदेश सुनने के लिए बहुत-से लोग आते थे|
एक बार भगवान बुद्ध अपना चातुर्मास पाटलिपुत्र में कर रहे थे| उनका उपदेश सुनने के लिए बहुत-से लोग आते थे|
सूखा रोग होने पर बच्चा दिन-प्रतिदिन निर्बल होता चला जाता है| उसके हाथ-पांव सूख जाते हैं| पेट बढ़कर आगे की ओर निकल आता है| विशेषज्ञों का कहना है कि कुपोषण अथवा सन्तुलित आहार के अभाव में इस रोग की उत्पत्ति होती है|
“Yudhisthira said, ‘O grandsire, O thou of great splendour, what do thosemen become who, through stupefaction of intellect, do not make gifts untoBrahmanas after having promised to make those gifts?
“Bhishma said, ‘Hearing these sweet words, Gautama became filled withwonder. Feeling at the same time a great curiosity, he eyed Rajadharmanwithout being able to withdraw his gaze from him.’
से वणजारे आए नी माए,
से वणजारे आए,
लालां दा ओह वणज करेंदे,
होका आख सुणाए|
Sanjaya said,–“Soon after, O king, a loud uproar, causing the heart totremble was heard, made by the combatants ready for the fight.
“Vaisampayana said, ‘Then, O mighty king, Drona’s son rushed to anencounter with Arjuna in battle. And beholding his rush to the conflictlike a hurricane, showering shafts like a rain charged cloud Pritha’s sonreceived him with a cloud of arrows.
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी का चन्द्र अपनी ज्योत्स्ना से धरती को शीतलता प्रदान कर रहा था| वह विणा लेकर भक्ति गीत गाते हुए एकान्त अरण्य में स्थित मन्दिर की ओर चल पड़ा|