अपंग कौन
बहुत समय पहले की बात है| किसी नगर में एक सेठ रहते थे| उनके पास अपार संपत्ति थी, लंबी-चौड़ी हवेली थी, नौकर-चाकरों की सेना थी, भरापूरा परिवार था| सब तरह के सुख थे, पर एक दुख था|
बहुत समय पहले की बात है| किसी नगर में एक सेठ रहते थे| उनके पास अपार संपत्ति थी, लंबी-चौड़ी हवेली थी, नौकर-चाकरों की सेना थी, भरापूरा परिवार था| सब तरह के सुख थे, पर एक दुख था|
Bhimasena said, “Thy understanding, O king, has become blind to thetruth, like that of a foolish and unintelligent reciter of the Veda inconsequence of his repeated recitation of those scriptures.
संध्या का समय हो चला था| महल के दीपक में रखे हुए टिमटिमा रहे थे| आती-जाती हवा में उनकी लौ लहरा रही थी|
“Bhrigu said, ‘Brahman first created a few Brahmanas who came to becalled Prajapatis (lords of creation).
प्रयाग में एक ऋषि का आश्रम था| उनके एक अतिसुन्दर कन्या थी| कन्या को विवाह योग्य जानकर उन्होंने अपने ही शिष्यों में से सद्गुणी शिष्य के साथ उसका विवाह करने का निर्णय किया|
“Arjuna said, ‘Of those worshippers who, constantly devoted, adore thee,and those who (meditate) on thee as the Immutable and Unmanifest, who arebest acquainted with devotion.’
स्त्रियों के मिजाजों की भांति मूली के भी अपने स्वाद भरे मिजाज हैं| बहुत-सी मूली मीठी होती है, बहुत-सी फीकी और बहुत-सी तेज चिरमिरी, मानों दांतों तले तेज मिर्च आ गई हो| इसकी तासीर ठंडी होती है| फिर भी पेट के लिए यह बहुत लाभदायक है| इसके सेवन से भोजन में रुचि बढ़ती है| पेट में गैस (वायु) को तो यह दूर करती ही है, अग्निमांद्य तथा कब्ज को दूर करने में भी समक्ष है|
Vaisampayana said, “And when the king of the celestials presented himselfin the guise of a Brahmana, beholding him, Kama said, ‘Welcome!’
एक व्यापारी के पास एक घोड़ा और एक गधा था। वह स्वयं घोड़े पर चढ़ता और गधे पर बोझ लादकर गांव-गांव माल बेचता था। घोड़ा चूंकि उसने ऊंचे दाम देकर खरीदा था, इसलिए उस पर वह बोझ नहीं लादता था और उसका अधिक ख्याल रखता था। एक दिन व्यापारी घोड़े पर चढ़कर और गधे पर बोझ लादकर किसी गांव की ओर जा रहा था।