Home2011August (Page 7)

1 [ष] ऋषयॊ ऽथाब्रुवन सर्वे देवाश च तरिदशेश्वराः
अयं वै नहुषः शरीमान देवराज्ये ऽभिषिच्यताम
ते गत्वाथाब्रुवन सर्वे राजा नॊ भव पार्थिव

एक सेवक अपने स्वामी की हत्या करके दूसरे नगर में भाग गया। स्वयं को छिपाने के लिए उसने कई वेश बदले। अब तक वह भिखारी हो चुका था। इधर उसके स्वामी का पुत्र अब तक युवा हो चुका था। अपने पिता के हत्यारे से बदला लेने की उसकी भावना प्रबल हो उठी। वह हत्यारे को खोजने चल पड़ा।

Vaisampayana said,–‘Then when Draupadi was about to set out she wentunto the illustrious Pritha and solicited her leave. And she also askedleave of the other ladies of the household who had all been plunged intogrief. And saluting and embracing every one of them as each deserved, shedesired to go away.

POST TAGS:

तकदीर के मारे बन्दों को शिरडी में बुलालो हे साँई
बड़ा जग की बलाएं घूर रहीं हमें उनसे बचालो हे साँई