पसीने की कमाई
एक दिन गुरुनानक घूमते हुए उज्जयिनी पहुंचे| उनका नाम सुनकर एक सेठ उनके पास आया| उसके गले में रुद्राक्ष की माला पड़ी थी और माथे पर तिलक लगा था| वह गुरुनानक के लिए तरह-तरह के स्वादिष्ट भोजन का थाल लाया था| गुरुनानक ने थाल की ओर देखा और खाना खाने से इंकार कर दिया|