Chapter 221
Markandeya continued, “Mudita, the favourite wife of the fire Swaha, usedto live in water. And Swaha who was the regent of the earth and sky begetin that wife of his a highly sacred fire called Advanta.
Markandeya continued, “Mudita, the favourite wife of the fire Swaha, usedto live in water. And Swaha who was the regent of the earth and sky begetin that wife of his a highly sacred fire called Advanta.
कुछ देर शांत रहने के बाद उन्होंने राजा हरिश्चंद्र से पूछा, “राजन! तुम पहले यह बताओ कि दान किसे देना चाहिए, रक्षा किसकी करनी चाहिए और युद्ध किससे करना चाहिए?”
एक बार युधिष्ठिर ने विधि-विधान से महायज्ञ का आयोजन किया। उसमें दूर-दूर से राजा-महाराजा और विद्वान आए। यज्ञ पूरा होने के बाद दूध और घी से आहुति दी गई, लेकिन फिर भी आकाश-घंटियों की ध्वनि सुनाई नहीं पड़ी। जब तक घंटियां नहीं बजतीं, यज्ञ अपूर्ण माना जाता। महाराज युधिष्ठिर को चिंता हुई। वह सोचने लगे कि आखिर यज्ञ में कौन सी कमी रह गई कि घंटियां सुनाई नहीं पड़ीं। उन्होंने भगवान कृष्ण से अपनी समस्या बताई।