Home2011May (Page 73)

संत महात्माओं को हमारी विशेष गरज रहती है| जैसे, माँ को अपने बच्चे की याद आती है| बच्चे को भूख लगते ही माँ स्वयं चलकर बच्चे के पास चली  आती है, ऐसे ही संत-महात्मा सच्चे जिज्ञासुओं के पास खींचे चले जाते हैं| इस विषय में एक कहानी सुनी है-