हे मेरो मनमोहना आयो नहीं सखी री
हे मेरो मनमोहना आयो नहीं सखी री।
“Parasara said, ‘The sires, the friends, the preceptor, and the spousesof the preceptors of men that are destitute of devotion are unable togive to those men the merits that attach to devotion.
श्री कृष्ण और अर्जुन बचपन के मित्र थे| एक बार दानियों की चर्चा हो रही थी| श्रीकृष्ण जी ने वार्तालाप के प्रसंग में कहा- “इस युग में कर्ण जैसा दूसरा दानी नहीं|” अर्जुन अपने बड़े भाई सम्राट युधिष्ठर से बड़ा परोपकारी एवं धर्मनिष्ठ दूसरे किसी को भी नहीं मानते थे|
एक चरवाहे का बेटा चीमो हर रोज अपनी भेड़ें चराने के लिए मैदान में जाया करता था | वह रोज सुबह भेड़ों को लेकर हरे-भरे मैदानों की ओर चल पड़ता था | सूरज डूबने से पहले ही वह घर को वापस चल देता था |
यह व्रत भाद्रपद माह में किया जाता है| यदि किसी के पुत्र पैदा हुआ हो या पुत्र का विवाह हुआ हो तो उसी वर्ष भाद्रपद माह में किसी शुभ दिन को देखकर गाज का व्रत कर उजमन करना चाहिए|
मलेरिया ज्वर में जाड़ा लगने के साथ तेज बुखार चढ़ता है| इसमें प्रतिदिन या हर तीसरे-चौथे दिन भी बुखार आ सकता है| यह एक संक्रामक बीमारी मानी जाती है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो जाती है|
राजा को उदास और दुखी देख शैव्या ने कहा, “स्वामी! आप अपने को इस प्रकार लांछित न करें| झूठे लोग श्मशान की भांति वर्जित होते हैं| झूठे मनुष्य के समस्त अग्निहोत्र, अध्ययन, दान और पुरुषार्थ निष्फल हो जाते हैं|