Chapter 17
“Salya said, ‘Now when the great Indra, the intelligent chief of thegods, was deliberating with the guardians of the world and other deitiesupon the means of slaying Nahusha, there appeared at that spot thevenerable ascetic Agastya.
“Salya said, ‘Now when the great Indra, the intelligent chief of thegods, was deliberating with the guardians of the world and other deitiesupon the means of slaying Nahusha, there appeared at that spot thevenerable ascetic Agastya.
“Markandeya said, ‘There was, O Bharata, a virtuous ascetic of the nameof Kausika and endued with wealth of asceticism and devoted to the studyof the Vedas, he was a very superior Brahmana and that best of Brahmanasstudied all the
विदुला का एक ही पुत्र था और वह भी युध्द में लड़ने गया था। माता विदुला बड़ी प्रसन्न थी। उसे इस बात पर बड़ा गर्व था कि भले ही उसकी कोख से एक पुत्र जन्मा, लेकिन जब युध्द का अवसर आया तो वह घर में बैठा नहीं रहा। वह दूसरे वीरों के साथ खुशी-खुशी उससे आज्ञा लेकर अपने शस्त्र सहित युध्द क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ गया।
1 [षृ]
यद्य एतत साहसं तात यदि वा दुष्कृतं कृतम
परियं वाप्य अप्रियं वा ते वाग उक्ता न मृषा मया
1 [स]
एवम उक्त्वा ततः शरीमान मन्त्रिभिश चानुमॊदितः
आरुरॊह परतिज्ञां स सर्पसत्राय पार्थिवः
बरह्मन भरतशार्दूलॊ राजा पारिक्षितस तदा
1 [वै]
उपासीनेषु विप्रेषु पाण्डवेषु महात्मसु
दरौपदी सत्यभामा च विविशाते तदा समम
जाहस्यमाने सुप्रीते सुखं तत्र निषीदतुः
1 And it came to pass on the eighth day, that Moses called Aaron and his sons, and the elders of Israel;