Home2011May (Page 30)

विदुला का एक ही पुत्र था और वह भी युध्द में लड़ने गया था। माता विदुला बड़ी प्रसन्न थी। उसे इस बात पर बड़ा गर्व था कि भले ही उसकी कोख से एक पुत्र जन्मा, लेकिन जब युध्द का अवसर आया तो वह घर में बैठा नहीं रहा। वह दूसरे वीरों के साथ खुशी-खुशी उससे आज्ञा लेकर अपने शस्त्र सहित युध्द क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ गया।