Home2011May (Page 20)

बात तब की है, जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। बंगाल के न्यायाधीश नीलमाधव बैनर्जी अपनी न्यायप्रियता, सत्यनिष्ठा व दयालुता के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे। अपने जीवन काल में उन्होंने अपने इन्हीं गुणों के कारण बेहद सम्मान व प्रसिद्धि पाई। वृद्धावस्था में उन्हें प्राण घातक रोग ने जकड़ लिया तथा उनका शरीर बेहद कमजोर हो गया।

1 [मार्क] सकन्दस्य पार्षदान घॊराञ शृणुष्वाद्भुत दर्शनान
वज्रप्रहारात सकन्दस्य जज्ञुस तत्र कुमारकाः
ये हरन्ति शिशूञ जातान गर्भस्थांश चैव दारुणाः

एक बार एक गांव में एक लड़का रहता था | उसके मां-बाप बचपन में ही गुजर गए थे | इस दुनिया में उसका सगा कोई न था | उसके जन्म लेते ही उसकी मां की मृत्यु हो गई थी | सब लोग उसे कैनी कहकर पुकारते थे |