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श्रावण मास भगवान शिव का सर्वाधिक अनुकूल मास है, शिव भक्त पूरे वर्ष-भर श्रावण के महीने की प्रतीक्षा करते रहते हैं|

श्रावण मास का यह चौथा और अंतिम सोमवार भी अति महत्वपूर्ण है| सिद्धियां प्राप्त करने की दृष्टि से यह अति महत्वपूर्ण दिवस है|

श्रावण मास का यह तीसरा सोमवार अपने आप में दुर्लभ और महत्वपूर्ण है| इस सोमवार को हरियाली तीज होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है|

इस सोमवार को विलक्षण फल देने वाले योग बन रहे हैं जो कि अपने आप में महत्वपूर्ण हैं| ऐसे ही योगों से सम्पन्न होने के कारण यह सोमवार भी अति महत्वपूर्ण है|

इस सोमवार को विशेष योग बन रहे हैं| ऐसे योगों से सम्पन्न होने की वजह से यह सोमवार अपने आप में सिद्धि दिवस और सिद्धयोग बन गया है, ऐसे महत्वपूर्ण योग में निम्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रयोग सम्पन्न किए जा सकते हैं –

भगवान् शिव को रमेश्वर कहा गया है| क्योंकि यह जीवन मे रस को प्रदान करने वाले हैं और जिस व्यक्ति के जीवन में रस नहीं है उस व्यक्ति का जीवन मृत तुल्य है|

श्रावण मास भगवान शिव का प्रियामास है, जिसमे श्रद्धा से पूजा साधना करने से भगवान शिव इच्छाओं को पूर्ण कर देते हैं|

शिव बोले-हे पुत्र! मैंने जो तुम्हें श्रावण मास का माहात्म्य बतलाया है वह दूसरा कोई एक शाताब्दी में भी नहीं कर सकता है|

भगवान शिव बोले-हे सनत्कुमार! अब मैं तुम्हें श्रावण मास में किये जाने वाले कार्य विधिपूर्वक बतलाता हूं|

भगवान शिव बोले-हे पुत्र! अब मैं तुम्हें अगस्त्य-अर्घ्य विधि पूर्वक कहता हूँ| यह समस्त मनोकांक्षाओं को पूर्ण करने वाला है| अगस्त्य के उदय से पूर्व समय का निर्धारण कर लें|