HomePosts Tagged "बीमारीयों के लक्षण व उपचार" (Page 4)

जो लोग सिर दर्द को रोग मानते हैं, वे धोखा खा जाते हैं क्योंकि यह रोग है ही नहीं| वास्तव में यह किसी रोग का लक्षण है| यदि यह अधिक तेज नहीं होता तो बगैर किसी दवा के अपने आप ठीक हो जाता है|

वमन  या उल्टी अजीर्ण रोग का एक लक्षण माना जाता है| कई बार देखा गया है की खाली पेट में गैस या विकार भर जाता है जो उबकाई के रूप में प्रकट होता है| उसमें कड़वा पित्त या अम्ल निकलता है|

फेफड़े में प्रदाह होने की हालत को न्यूमोनिया का नाम दिया गया है| यह एक गंभीर ज्वर है| इसमें यथाशीघ्र डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी रहता है| यदि ऐसा नहीं किया जाता तो मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है|

कुछ बच्चे प्राय: बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं| ऐसे बच्चों को शाम के समय अधिक गरम अथवा शीतल पेय नहीं देना चाहिए|

पेट में अम्ल का बढ़ जाना कोई रोग नहीं माना जाता, लेकिन इसके परिणाम अवश्य भयानक सिद्ध होते हैं| इसकी वजह से बहुत-सी व्याधियां उत्पन्न हो जाती हैं|

खून की खराबी अर्थात् रक्त विकार एक घातक रोग है| यदि समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो कष्टदायी चर्म रोग घेर लेते हैं| इनसे व्यक्ति के मन में हीन भावना उत्पन्न हो जाती है|

प्रदर रोग में योनि मार्ग से पतला या गाढ़ा चिकना स्त्राव कम अथवा अधिक मात्रा में निकलने लगता है| यह स्त्राव मासिक धर्म से पूर्व या बाद में भी होता है| यह दो प्रकार का होता है – श्वेत प्रदर और रक्त प्रदर| श्वेत प्रदर में सफेद रंग का और रक्त प्रदर में रक्त युक्त प्रमेह होता है|

हृदय रोग से ज्यादातर वे लोग पीड़ित होते हैं जो दिनभर गद्दी पर बैठे रहते हैं और हर समय अनाप-शनाप खाते-पीते हैं| इस रोग के शुरू में साधारण दर्द होता है| फिर धीरे-धीरे रोग बढ़ जाता है जो सम्पूर्ण हृदय को जकड़ लेता है| यह रोग होने पर बड़ी बेचैनी रहती है| अचानक हृदय में पीड़ा उठती है और फिर सारा शरीर जकड़ जाता है| रोगी की सांस रुक-रुककर बड़ी तेजी से चलने लगती है| बेचैनी के साथ-साथ हाथ-पैरों में शिथिलता शुरू हो जाती है| यदि तुरन्त इस दौरे की चिकित्सा नहीं की जाती तो रोगी की मृतु तक हो सकती है|

पुरुष द्वारा स्त्री को संतुष्ट किए बिना उद्वेग के चरम क्षणों में स्खलित हो जाना, शीघ्रपतन कहलाता है| इसका मुख्य कारण हीन भावना तथा आत्मविश्वास की कमी होता है| ऐसे व्यक्ति को मन में कामुकता का विचार नहीं रखना चाहिए|

यदि रात को सोते समय किसी काल्पनिक स्त्री से मैथुन क्रिया करने के पश्चात् वीर्य स्खलित हो जाए तो यह स्वप्नदोष कहलाता है| महीने में एक-दो बार स्वप्नदोष का होना, रोग नहीं माना जाता|