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गणेश चालीसा सर्वप्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश की कृपा पाने का एक माध्यम या एक ऐसा मार्ग है, जो किसी भी कार्य को पूर्ण करने में सहायक है। यदि सुबह सुवेरे नियमित रुप से गणेश चालीसा का पाठ किया जाए तो घर में खुशहाली रहती है. घर-परिवार में सुविधा-संपन्नता बनी रहती है. इस पाठ के करने से परिवार में बरकत बनी रहती है. आइए गणेश चालीसा का पाठ आरंभ करें.

एक दिव्य देव शक्ति जो चिन्तान्त: करण में चित्रित चित्रों को पढ़ती है, उसी के अनुसार उस व्यक्ति के जीवन को नियमित करती है, अच्छे-बुरे कर्मो का फल भोग प्रदान करती है, न्याय करती है। उसी दिव्य देव शक्ति का नाम चित्रगुप्त है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान् श्री चितागुप्त जी महाराज कायस्थों के आदि पुरुष हैं

बाबा भैरवनाथ को माँ वैष्णो का वरदान प्राप्त है, बिना बाबा भैरवनाथ के दर्शन के माता वैष्णो के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। आइये जानते हैं बाबा भैरवनाथ को प्रशन्न करने के लिए पड़ी जाने वाली चालीसा।

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, गंगा सबसे पवित्रतम नदी है। शास्त्रों में इसे पतितपावनी अर्थात लोगों के पाप को धोने वाली नदी कहकर प्रशंसा की गई है| कहीं-कहीं पर इस तिथि को ‘गंगा जन्मोत्सव’ के नाम से भी पुकारा जाता है।

दुर्गा चालीसा एक पवित्र पाठ है क्‍योंकि यदि कोई व्‍यक्ति दुर्गा-सप्‍तशती का पाठ करने में असमर्थ है, तो वह नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा के विभिन्‍न रूपों की आराधना करने के लिए दुर्गा-चालीसा का पाठ कर सकता है| माता दुर्गा जी की साधना के लिए श्री दुर्गा चालीसा को बेहद प्रभावशाली माना जाता है।

सावन मास में शिव चालीसा पढ़ने का अलग ही महत्व है। शिव चालीसा के माध्यम से आप अपने सारे दुखों को भूला कर भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।