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आम फलों का राजा यूं ही नहीं कहलाता है। ये भारत का राष्ट्रीय फल है। आम के जितने भी फायदे गिनाए जाए कम है। यहां पर आम के कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।

इसमें विटामिन-बी होता है| तेल की आवश्यकता पूर्ति के लिए यह संसार भर में दूसरे नम्बर की वस्तु है| हेमोफिलिया एक भयानक और जानलेवा रोग है, जिसमें रक्त के भीतर जमने की शक्ति नहीं रहती| तनिक-सी भी खरास या रगड़ लग जाने से इतना रक्तस्त्राव होता है कि रोग की मृत्यु निश्चित हो जाती है|

शहतूत भी समस्त फलों की श्रेणी में अपना प्रमुख स्थान रखता है| इसमें शर्करा, कार्बोहाइड्रेट और साइट्रेड प्रमुख रूप से होते हैं| शहतूत तथा उसका शर्बत शरीर की चर्बी चढ़ाने के साथ-साथ पाचन-क्रिया को भी उत्तेजित करता है | यह रक्तपित्त नाशक होता है|

उष्ण प्रकृति वालों को एवं पित्तजन्य व्याधियों में तोरई का सेवन विशेष हितकर है| यह मधुर, पित्तनाशक, कफ-वात वर्धक, मृदु-रेचक, कृमि-नाशक, मूत्रल ज्वर, रक्त पित्त तथा कुष्ठादि विकारों में पथ्यकर व लाभप्रद है|

मूंगफली और चना का एक योग है| यह देश भर में सर्वत्र खाने के काम में लिया जाता है| बच्चों का यह मुख्य खाद्य है| यह प्यास को बुझाता है| सौन्दर्यवर्धक व बलवर्धक है| रक्त को भी यह साफ करता है, तथा जुकाम को दूर कर गले को सुरीला बनाता है| पेट के कृमियों को नष्ट करता है| यह एक ऐसा अनाज है जो अकेला ही भोजन के सारे खाद्य पदार्थों की पूर्ति कर देता है| विभिन्न प्रकार के रोगों में भी यह लाभकारी है|

खिरनी स्वाद में मीठी होती है, किन्तु इसकी तासीर ठंडी होती है| यह अत्यंत वीर्यवर्धक, शक्तिवर्धक, चिकनी, शीतल और भारी होती है, तथा प्यास, मूर्च्छा, मद, तीनो दोषों तथा रक्त-पित्त नाशक होती है|

यह फल कफ को बढ़ाता है, साथ ही यह शरीर में पित्त की अधिकता या ऊष्मा को कम करने में भी सहायक होता है| सुपाच्य है और रुग्णावस्था में पथ्य के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है| इसे इसके नरम छिलके के साथ ही प्रयोग किया जाता है, छीलकर भी खाया जाता है| इसका स्वाद बहुत ही मिठास से भरा होता है| यह अत्यन्त शक्तिवर्धक एवं मांस और चर्बीवर्धक है|

यह गोंद का ही प्रतिरूप है| प्रत्येक मौसम में इसका प्रयोग किया जा सकता है| किन्तु ग्रीष्मकाल में विशेष लाभप्रद है| प्यास आदि को दूर करने में यह अद्वितीय है| स्त्री-पुरुषों के गुप्त रोगों में भी विशेष लाभकारी है|

अनार खट्टा भी होता है और मीठा भी| खट्टे अनार के छिलके का अर्क चूसने से खांसी चली जाती है जबकि मीठे अनार को खाने से खून बढ़ता है| इसका छिलका दस्त, ऐंठन, संग्रहणी, कांच निकलना, बवासीर आदि रोगों को दूर करता है|

घृत कुमारी या अलो वेरा/एलोवेरा, जिसे क्वारगंदल, या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। ग्वारपाठा पेट की बीमारियों के लिये और जोड़ों के दर्द के लिये बहुत फायदेमन्द है| एलोवेरा की लगभग 200 जातियां होती हैं। इनमें से सिर्फ पहली 5 ही मानव शरीर के लिए उपयोगी होती हैं। तो आज इसके गुणों के बारे में बात करते हैं।