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चमेली का फूल झाड़ी या बेल जाति से संबंधित है, इसकी लगभग 200 प्रजाति पाई जती हैं। इसके फूलों से तेल और इत्र का निर्माण भी किया जाता है। चमेली के पत्ते हरे और फूल सफेद रंग के होते हैं, परंतु कहीं-कहीं पीले रंग के फूलों वाली चमेली की बेलें भी पाई जाती हैं। 

यह एक वनस्पति है, जिसे सेनणा नाम से भी जाना है| इसके फूल और फल की सब्जी बनाकर खाई जाती है| इसकी पत्तियों में विटामिन-ए विशेष मात्रा में होता है, जो नेत्रों के लिए बहुत लाभकारी है|

यह स्वाद में तीक्ष्ण, स्निग्थ एवं कांतिवर्धक है, त्रिदोषनाशक है| इसकी संनिधि में प्रदर एवं प्रेमह का अतिशीघ्र प्रयाण हो जाता है| सूजन के लिए फिटकरी का प्रयोग बहुत उपयोगी एवं विश्वसनीय है| निम्न शारीरिक रोगों में भी इससे उपचार किया जाता है|

कच्ची ककड़ी में आयोडीन पाया जाता है। ककड़ी बेल पर लगने वाला फल है। गर्मी में पैदा होने वाली ककड़ी स्वास्थ्यवर्ध्दक तथा वर्षा व शरद ऋतु की ककड़ी रोगकारक मानी जाती है। 

लहसुन में कई छोटी-छोटी पुतियां होती हैं| इन पूतियों पर पतला खोल चढ़ा होता है| जब तक पूतियों पर यह खोल चढ़ा रहता है, तब तक यह खराब नहीं होतीं| लहसुन को अमृततुल्य बताया गया है क्योंकि इसमें काफी गुण होते हैं|

हरी मिर्च कई तरह के पोषक तत्वों जैसे- विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है| यह आपके स्वास्थ्य को कई तरह से बेहतर बनाए रखने में मदद करती है। नीचे दिए गए हरी मिर्च के बेहतरीन फायदे –  

आलुओं को सभी सब्जियों में अग्रणी माना जाता है| यदि किसी भी पकवान में आलू न हो तो सब कुछ फीका-फीका ही प्रतीत होता है| आलू का प्रयोग बारहों महीने और तीसों दिन किया जाता है| सब्जी के रूप में, चाट-पकौड़ी के रूप में या फिर चिप्स और पापड़ के रूप में; सभी में आलू प्रयुक्त होता है| विश्व भर में इसका प्रयोग किया जाता है, किन्तु यह वायु को बढ़ाने वाला है| इससे मांस व चर्बी की वृद्धि होती है|

इसमें विटामिन-ए, बी और सी प्रमुख रूप से होते हैं| कच्चा खाने पर इसका स्वाद मीठा लगता है| यह पाचन-क्रिया को बढ़ाने वाला है| वात और कफ में भी अत्यन्त लाभकारी है| हृदय की दुर्बलता को भी दूर करने में यह सहायता प्रदान करता है| जिन लोगों में विटामिन-बी की कमी हो, उन्हें शलजम अवश्य ही प्रयोग करना चाहिए| इसकी सब्जी खाना भी लाभदायक है|

प्रकृति ने मनुष्य पर एक असीम कृपा की है अर्थात् उसने मनुष्य के मस्तिष्क को संतुलिन रखने के लिए एक अपर मस्तिष्क की रचना की, जो मनुष्य मस्तिष्क की क्षतिपूर्ति करे, उसे सशक्त बना सके! अखरोट की गिरी को देखने के बाद पता चलेगा कि आपने मनुष्य का मस्तिष्क ही हाथ में ले लिया है| दोनों की आकृति में कोई अंतर नहीं है| अखरोट में ऐसे तत्त्व भरे पड़े हैं, जो मनुष्य के मस्तिष्क को संतुलित एवं सक्षम बनाए रखने में अद्वितीय हैं|

जीरे के बिना मसालों का कोई महत्त्व नहीं है| जीरे की खुशबू और स्वाद दोनों मनभावन हैं| इस दृष्टि से जीरा पाचक, शीतल, मधुर, वात-पित्त नाशक, गरमी को शान्त करने वाला, दाह को मिटाने वाला तथा पुत्रदायक है|