HomePosts Tagged "खाद्य पदार्थों के स्वास्थ्य लाभ"

यह जटायुक्त फल होता है| इसका छिलका बहुत सख्त होता है| इसको तोड़ने के बाद अंदर से गिरी निकलती है, इसमें पानी भी होता है| स्वाद में यह मीठा होता है| इसमें विटामिन-ए न्यूनाधिक मात्रा में होता है|

ख़रबूज़ा एक फल है। यह पकने पर हरे से पीले रंग के हो जाते है, हलांकि यह कई रंगों मे उपलब्ध है। मूल रूप से इसके फल लम्बी लताओं में लगते हैं। गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंड़ा रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। हमारा शरीर ठंड़ा रहे इसलिए हम तरह-तरह के तरीकों को अपनाते हैं। खरबूजे की कई किस्में बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है। 

प्रकृति ने बादाम को नयन की आकृति देकर इसके गौरव को अधिक ऊंचा उठा दिया| कोषाकारों ने प्रकृति के अमूल्य अनुदान का मूल्यांकन किया| उसे नेत्रोपम की संज्ञा से संबोधित किया| वास्तव में बादाम मेवा जगत् में नेत्रोपम है| यह शरीर को नववीर्य प्रदान करता है, नये रक्त का निर्माण करता है तथा मस्तिष्क को अभिनव शक्ति देता है और हृदय को बलशाली बनाता है| औषधि निर्माण में मुख्यत: कागजी बादाम प्रयुक्त होता है|

करेले के बारे में एक कहावत है, ‘करेला, वो भी नीम चढ़ा|’ अर्थात् करेला अत्यंत कड़वा होता है| इसकी तासीर ठंडी होती है, तथा पचने में यह हल्का होता है| यह आयु को बढ़ाता है और पाचन-क्रिया प्रदीप्त करके शौच साफ लाता है|

हमारे देश में गोभी तीन प्रकार का मिलता है – पत्ता गोभी, गांठ गोभी और फूल गोभी| किन्तु फूल गोभी का सेवन ही यहां अधिक मात्रा में किया जाता है| इसकी प्रकृति ठंडी है| यह रक्त-संचार को बढ़ाने के साथ-साथ वायु की भी वृद्धि करता है|

केरोसीन कच्चे पेट्रोलियम का वह अंश है जो 175-275 सें. ताप पर आसुत होता है। इसका भौतिक और रासायनिक गुण उपस्थित हाइड्रोकार्बनों के अनुपात, संघटन और क्वथनांक पर निर्भर करता है। कच्चे केरोसीन में सौरभिक हाइड्रोकार्बन (40 प्रतिशत तक) आक्सिजन, गंधक और नाइट्रोजन के कुछ यौगिक रहते हैं।

संसार का शायद ही कोई ऐसा प्राणी रहा हो जिसने कभी चाय न पी हो| यानी चाय का स्वाद न चखा हो| अमीर-गरीब, मालिक-मजदूर सभी चाय का प्रयोग करते हैं| चाय ज्यों ही गले से उतर कर हृदय के साथ संपर्क स्थापित करती है, उसी क्षण शरीर में स्फूर्ति का संचार हो उठता है, तथा स्नायु में एक प्रकार की चेतना-शक्ति व्याप्त हो जाती है| चाय के साथ, रासायनिक विश्लेषण का वर्णन निम्न है – 

अंगूर एक बलवर्घक एवं सौन्दर्यवर्घक फल है। अंगूर फल मां के दूघ के समान पोषक है। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। अंगूर में पर्याप्त मात्रा में कैलोरी, फाइबर और विटामिन सी, ई पाया जाता है| अंगूर के लाजवाब स्वाद से तो हम सभी परिचित हैं लेकिन कम ही लोगों को पता होता है कि ये सेहत का खजाना भी है|

हरेक प्रकार के अन्न हो पचाने में अजवाइन को महारथ हासिल है| अजवाइन में चिरायते का कटु पौष्टिक, हींग का वायुनाशक और कालीमिर्च का अग्निदिपन-ये समस्त गुण विद्यमान हैं| इन्हीं गुणों के कारण अजवाइन वायु-कफ, उदर पीड़ा, अफारा एवं कृमि को नष्ट करने में समक्ष है| यह शरीर की वेदना को मिटाती है, कामोद्दीपक है| आमाशय को सक्रीय बनाती है| इससे पक्षाघात एवं कम्पन वायु में लाभ पहुंचता है| इसके काढ़े से आंखें धोने से ज्योति बढ़ती है|

मक्का एक साबुत अनाज के रूप में उपयोग होने वाला भारत मेें प्रसिद्ध खाद्यपदार्थ है। इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है। मक्का अनाज में विटामिन ए , निकोटिनिक एसिड, राइबोफ्लेविन और विटामिन-ई भी पर्याप्त मात्रा में होता है।